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Google Third-Party Cookies को अलविदा कह रहा है - जानिए पूरी खबर

Google Third-Party Cookies को अलविदा कह रहा है!

Google ने हाल ही में एक बड़ा ऐलान किया है कि वह 2025 तक Chrome ब्राउज़र से Third-Party Cookies को पूरी तरह हटा देगा। यह फैसला यूजर प्राइवेसी को ध्यान में रखते हुए लिया गया है, लेकिन इसका डिजिटल मार्केटिंग और एडवर्टाइजिंग इंडस्ट्री पर बड़ा प्रभाव पड़ेगा।

Third-Party Cookies क्या होते हैं?

Third-Party Cookies वे छोटे ट्रैकर्स होते हैं जो दूसरी वेबसाइट्स द्वारा आपके ब्राउज़र में सेव किए जाते हैं। ये आपकी ब्राउज़िंग हैबिट्स को ट्रैक करके टारगेटेड एड्स दिखाने में मदद करते हैं।

उदाहरण: अगर आप किसी शूज की वेबसाइट ब्राउज़ करते हैं, तो Third-Party Cookies की वजह से आपको Facebook या अन्य साइट्स पर शूज के ही विज्ञापन दिखाई देते हैं।

Google ने यह फैसला क्यों लिया?

Google का कहना है कि यह कदम यूजर प्राइवेसी को बेहतर बनाने के लिए उठाया जा रहा है। Third-Party Cookies से यूजर्स की ऑनलाइन एक्टिविटीज ट्रैक होती हैं, जिससे डाटा प्राइवेसी को खतरा होता है।

इसका मार्केटिंग और एडवर्टाइजिंग पर क्या असर पड़ेगा?

Third-Party Cookies के बिना, एडवर्टाइजर्स को यूजर्स की पसंद-नापसंद का पता लगाना मुश्किल होगा। इसके लिए Google Privacy Sandbox नाम का एक नया सिस्टम ला रहा है, जो यूजर डाटा को प्राइवेट रखते हुए भी रिलेवेंट एड्स दिखाने में मदद करेगा।

क्या यह यूजर्स के लिए अच्छा है?

हाँ! इससे यूजर्स की ऑनलाइन प्राइवेसी सुरक्षित रहेगी। हालाँकि, फ्री वेबसाइट्स और कंटेंट क्रिएटर्स को एड रेवेन्यू में कमी का सामना करना पड़ सकता है, क्योंकि टारगेटेड एडवर्टाइजिंग कम प्रभावी हो जाएगी।

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rashtra bandhu
"I’ve always loved sharing my knowledge with people who are genuinely curious and seeking it. But I’ve faced limitations—there are only very few people I can reach. One thing I’ve noticed, though, is that everyone craves diverse knowledge from around the world—news or, you could say, information that keeps them updated. When I decided to spread that kind of info on a larger scale, blogging came my way, and the journey continues to this day..."