विश्व युद्ध 1 का इतिहास - एक संक्षिप्त विवरण
विश्व युद्ध 1 का संपूर्ण इतिहास
1914-1918 के महायुद्ध की गहन जानकारी
युद्ध की शुरुआत
28 जून 1914 को ऑस्ट्रिया-हंगरी के आर्कड्यूक फ्रांज फर्डिनेंड की साराजेवो में हत्या ने यूरोप को युद्ध की ओर धकेल दिया। यह घटना एक जटिल गठबंधन प्रणाली को सक्रिय कर देती है:
- ऑस्ट्रिया-हंगरी सर्बिया को दोषी ठहराता है
- रूस सर्बिया का समर्थन करता है
- जर्मनी ऑस्ट्रिया-हंगरी का साथ देता है
- फ्रांस और ब्रिटेन रूस के साथ जुड़ते हैं
"साराजेवो में गावरिलो प्रिंसिप द्वारा आर्कड्यूक की हत्या कर दी गई, जिससे यूरोप युद्ध में डूब गया।"
प्रमुख युद्ध अभियान
पश्चिमी मोर्चा
1914 से 1918 तक चली खाई युद्ध की भीषण लड़ाइयाँ:
- वेर्दुन की लड़ाई (1916) - 300,000 से अधिक मौतें
- सोम्मे की लड़ाई (1916) - पहला टैंक युद्ध
- पासचेंडेल (1917) - कीचड़ भरे मैदान में युद्ध
पूर्वी मोर्चा
रूस बनाम जर्मनी और ऑस्ट्रिया-हंगरी:
- टैननबर्ग की लड़ाई (1914) - रूस की भारी हार
- ब्रुसिलोव आक्रमण (1916) - रूस की सफलता
खाई युद्ध की कठोर वास्तविकता
युद्ध का अंत और परिणाम
1918 में केंद्रीय शक्तियों की हार के साथ युद्ध समाप्त हुआ:
परिणाम | विवरण |
---|---|
वर्साय की संधि | जर्मनी पर कठोर शर्तें लागू |
साम्राज्यों का पतन | ऑस्ट्रिया-हंगरी, ऑटोमन, रूसी और जर्मन साम्राज्य |
नए राष्ट्र | पोलैंड, चेकोस्लोवाकिया, यूगोस्लाविया आदि का उदय |
मानव हानि | 9.5 मिलियन सैनिक और 7 मिलियन नागरिक मृत |
"वेर्दुन मानव इतिहास के सबसे खूनी युद्धों में से एक बना हुआ है।"
युद्ध की विरासत
प्रथम विश्व युद्ध ने आधुनिक दुनिया को गहराई से प्रभावित किया:
- राष्ट्र संघ (लीग ऑफ नेशंस) की स्थापना
- द्वितीय विश्व युद्ध के लिए आधार तैयार हुआ
- साम्राज्यवाद का पतन और राष्ट्रवाद का उदय
- सैन्य प्रौद्योगिकी में क्रांति
Comments
Post a Comment